"सब्र तो रख यार "
"सब्र तो रख यार "
सब्र तो रख यार, तेरी कठिनाइयाँ होगी पार,
रात की अंधेरी चांदनी में, मिलेगा सवेरा ।
हर कठिनाई से गुजरते हुए सब्र तो रख, यार,
हर टूटी हुई उम्मीद के टुकड़े, सपनों की दुनिया में जोड़ यार ।
मुश्किलों की चुनौतियों में, बिखरी हुई खुशबू बनकर,
आगे बढ़ अपनी ताकत्त का इज़हार कर।
हर रोज़ की चुनौती में, हर मुश्किल की राह में,
तूने खुद को पाया है, और आगे बढ़ने की राह में।
जहाँ आसमान से गिरावट है, और धरती पर हौंसला है,
वहाँ जज्बातों की उड़ान है, और सपनों की खोज है।
सब्र की मिसाल बन हर मुश्किल को पार कर,
छुपी ताक़त को पहचान अद्भुती शक्ति को जगा।
"सब्र तो रख, यार, तेरी कठिनाइयाँ होगी पार,
हर मुश्किल को देख, हँसते हुए आगे बढ़ ।
रात की अंधेरी चांदनी में भी, मिलेगा सवेरा
खोज ले अपनी ताक़त , तब ही परेशानियों से मुक्ति ।
जीवन की राहों में अगर मिले कठिनाइयाँ कई,
तो मुस्कुरा जा, यार, न कर हार कभी।
हर कठिनाई को जीतकर आना जरूरी
उड़ान भर ले अपनी, जैसे हवा चलती है आजमाने में ।
सच्ची मंजिल पाने के लिए, आत्म-विश्वास हे ज़रूरी,
सब्र तो रख, यार, जीवन के हर रंग को चुनना है ।
जैसे सूरज की किरने बिखराती हैं चारों दिशाओं में उजाला,
वैसे ही सब्र से, मिलेगा जीवन का सबसे हसीन सफर ।
हर मुश्किल को पार करना हैं ख़ुद को पहचानना है,
संघर्ष सिखाती है जीने की मिठास।
रात के अंधेरे से निकल के, जैसे चाँदनी बिखराती है.
तेरा सब्र ले जाएगा ख़ुशियो के आसमान में ।