शोले की स्याही मे सत्ता की सूरत, समझे सयाने, नासमझे मूरख। शोले की स्याही मे सत्ता की सूरत, समझे सयाने, नासमझे मूरख।
बस, हम भी मेहनत कर रहे हैं और किस्मत के धनी लोगों से लड़ रहे हैं तब तक तो सबको यही कहन बस, हम भी मेहनत कर रहे हैं और किस्मत के धनी लोगों से लड़ रहे हैं तब तक तो...