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Prabhawati Sandeep wadwale

Children Stories Others

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Prabhawati Sandeep wadwale

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रंगो का का सण

रंगो का का सण

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देखो,,,, देखो,,,

रंगीबिरंगी,,,का,,,

सण आया,,,

बुरा मत मानो होली,,,

है बोलते ही,,,

मन में मस्ती ,, छा जाती है

दुश्मन को ही दोस्त,,

बनाती है होली,,,

बेरंग जिंदगी को,,,

रंगीन करती है,,,

होली,,,

राधाकृष्ण को याद,,,

करके,,,

रंगो में मग्न हो,,,

जाते हैै सब,,,

रंगो से पूरा आसमान,,,

रंगीन हो जाता है ,,,

मौज मजा मस्ती नाच गान ,,,

सबको मंत्र मुक्त करता है,,,

होली सबका फेवरेट सण,,,

बच्चो की मस्ती ,,,,

चेहरेेे पे मुस्कान,,,

लाती है,,,

होली भेदभाव,,,

 अपना पराया,,,

सबको एकसाथ ,,,लाती है,,

गालावरी रंग लागून,,,

चेहरे पे खील खिलाती 

हंसी आ जाती,,,

आ जाती है,,,

होली आप के,,,

जिंदगी मे अनेक रंग,,,

भर देती है,,

ना जात,,, ना धर्म,,,

सबकी प्यारी होली है,,

होली आते ही,,,

हर नाते को ,,,

रंगीन कर देती है,,,

होलिका दहन करके,,,

हर बुराई का अंत होता है,,,

देखो देखो रंग, ,,,

का सण आया है,,,

पुरणपोळी भुजिया खाके,,,

रंगो में नहाा जाओ,,,

देखो देखो रंगो,,,

का सण आया है!


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