रंग पर्व
रंग पर्व
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रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम
एक रंग स्नेह का भी लगाना तुम।
शिकवे-गिले सभी भुलाना तुम
दिल से दिल मिलाना तुम
रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।
मदिरापान न करना,
न किसी को कराना तुम
दिल किसी का न दुखाना तुम
रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।
कचरा किसी को न लगाना तुम
प्रेम रंग खूब बरसाना तुम
रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।
स्नेह छोटों पर लुटाना तुम
आशीष बड़ों का पाना तुम
रंग पर्व अबकी जब मनाना तुम।