राज क्या है?
राज क्या है?


अब समझ में आया,
कि राज क्या है?
इस शहर में जीने का,
अंदाज क्या है?
अकड़ के जो खड़ा था,
नाहक ही लड़ पड़ा था,
तूफान का था मौसम,
पर ज़िद पे मैं अड़ा था।
गिरी जो मुझपे बिजली,
ये गाज क्या है?
तब समझ में आया,
कि राज क्या है?
इस शहर में जीने का,
अंदाज़ क्या है?
बदली हुई फ़िजा है,
बहना अब भा गया है,
दबी प्यार की थी बातें,
कहना अब आ गया है,
झंकार सुन रहा हूँ,
आवाज़ क्या है?
अब समझ में आया,
कि राज क्या है?
इस शहर में जीने का,
अंदाज़ क्या है?
इस शहर को शायद अब,
जान मैं गया हूँ,
जागीर न किसी की ,
पहचान मैं गया हूँ,
नई बज रही है विणा,
ये साज क्या है?
अब समझ में आया,
कि राज क्या है?
इस शहर में जीने का,
अंदाज़ क्या है?
p>
नहीं एक के ही हाथों,
ये शहर चल रहा है,
बदली हुई हुक़ूमत है,
शहर फल रहा है,
ना तख्त है किसी की ,
ये ताज क्या है?
अब समझ में आया,
कि राज क्या है?
इस शहर में जीने का,
अंदाज़ क्या है?
तन्हा रहा ना मैं तो,
बदला हुआ है मौसम,
मन के गुबारे ग़ायब,
ये दिल हुआ है रौशन,
बदलती हुई हवा के,
मिजाज़ क्या है?
अब समझ में आया,
कि राज क्या है?
इस शहर में जीने का,
अंदाज़ क्या है?
रातें बदल गई हैं,
कि शोर थम गया है,
सुनी हुई आंखों से ,
ग़म कम गया है,
स्वर्णिम हुआ सवेरा,
आगाज़ नया है,
अब समझ में आया,
कि राज क्या है?
इस शहर में जीने का,
अंदाज़ क्या है?
है कैसा ये भरोसा,
ये नाज़ क्या है?
इस शहर में जीने का,
अंदाज़ क्या है?