पुकार
पुकार
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मुझे
देखना है अभी
इस जहां को
भरनी है उड़ान
ऊँचाइयों तक
तलाशना है
अपना अस्तित्व
बनानी है
अपनी पहचान
फिर तो
जाना ही है
जहां से आयी हूँ
फिर
क्यों भेज रहे हो मुझे
जहां में आने से पहले
