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Sanket Singh

Others

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Sanket Singh

Others

परेशान

परेशान

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मैं  कहा हूँ जीवन में?

प्रश्न है ये मन में.

कैसे समझूँ  इसे?

माया से, या दर्शन से.

यूँ एक खाली अथाह से मैदान में, कैसे जानू मैं?

मार्ग सीधा है, या कोई मोड़ है?

पदचिन्ह इतने सामने, हर दिशा को जाते, क्या ख़ुद को प्रदर्शक समझूँ , और ख़ुद को ही पथिक?

इस यात्रा का क्या उद्देश्य है?

या यात्रा ही उद्देश्य है?

कैसे समझूँ  इसे?

प्रश्न है ये मन में.

मैं कहा हूँ  जीवन में?


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