STORYMIRROR

Sanket Singh

Others

4  

Sanket Singh

Others

नास्तिक

नास्तिक

1 min
27.2K


क्या रमु मैंं, क्या जपु मैंं, ना मेरा कोई राम , ना मेरा कोई भगवान, ना कोई कलमा मेरा, ना किसी फ़तवे से नाता, ना कभी दुआ माँगी, ना कभी शुक्रिया किया, ना किसी पत्थर को पूजा, ना किसी निराकार कि कल्पना की, ना किसी अनदेखे से कभी डरा, ना कभी कोई चमत्कार देखा, क्या इतना कुछ होना, नास्तिक होने की परिभाषा है, कोशिश नहीं की, फिर भी भला है मैंं वही हूँ, अगर ईश्वर को मानने के साथ, शैतान में विश्वास हो जाता है, अगर उसका दर भी, दुआओ और मन्नतोंं का बाज़ार है, और वहाँ जाकर भी व्यापार ही करना है तो, इस संसार का बाज़ार है मेरे लिऐ काफ़ी है, यहाँ का व्यापार है काफ़ी है, क्या इतना कुछ होना, नास्तिक होने की परिभाषा है, कोशिश नहीं की, फिर भी भला है मैं वही हूँ.


Rate this content
Log in