पंजशीर की लड़ाई
पंजशीर की लड़ाई
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वो लड़ेंगे जब तक,जान बची हो तब तक
पंजशीर के शेरों, सामने पाकिस्तान तालिबान
और तुम्हारे लिए वतन,मचा दो तूफान
लड़कर अगर मरे भी,तो शहादत पाओगे
जान वतन के नाम लिख दी, वीर कहलाओगे
शेर कभी डर कर, बैठते नहीं है
सामना अंत तक करते हैं, ठहरते नहीं है
लड़ाई चले जितनी चाहे,लड़ना है ठान लेना
निडर होकर तुम्हें,पाकिस्तान तालिबान से लड़ना है
जीत से अपनी तुम्हें, नया इतिहास लिखना है
विजय पताका फहराकर,नया अफगान बनाना है
तालिबान का तुमको, नामोनिशान मिटाना है।
