फूल
फूल
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फूल यूं ही आप खिलते रहना,
बिखेरते रहना यूं फिजाओं में खुशबू,
सार जहां सुगंधमय बन देना,
दुखी जन का हृदय महका देना,
फूल तुम्हें देखकर हर्षित मन हो जाता है,
तुम्हें देखकर पुलकित तन हो जाता है,
जो भी देखता है तुम्हें यूं खिलते हुए,
वो सिर्फ़ फिर तुम्हारा ही हो जाता है,