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Naresh Sagar

Others

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Naresh Sagar

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नदी से सवाल

नदी से सवाल

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कितना पावन है जल तेरा

कितना निर्मल है तेरा जल

तेरे बिन तो है अधूरा ,

यह सारा जीवन।

लेकर बादल तेरा जल,

जब बरसातेंं है धरती पर

तेरे बहते झरनों को देख ,

कामदेव भी शरमा जाता।


पर करती है कितना बुरा तू

जब तुझ में तूफान आ जाता।

तू ही देती है जीवन,

तू ही क्यों लूट ले जाती है ?

मेरी समझ में है नदी

तेरी कहानी नहीं आती है।


कभी बहारें दे जाती तू,

कभी बाहरें ले जाती

हर बार तू मेरे लिए

नई पहेली बन जाती।।

जो बार-बार समझने पर भी

मेरी समझ नहीं आती।।

तू ही जीवन दे जाती है

तू ही जीवन ले जाती।

मेरी उलझन सुलझाना तुम

लिख करके मुझ को पाती!!



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