नारी शक्ति
नारी शक्ति
शक्ति तुम्ही, भक्ति तुम्ही हो
ममता तुम्ही, समता तुम्ही हो
प्रेरणा तुम्ही, साधना तुम्ही हो
प्यार तुम्ही, दुलार तुम्ही हो
स्नेह तुम्ही, करुणा तुम्ही हो
धूप तुम्ही, छांव तुम्ही हो
बयार तुम्ही, बहार तुम्ही हो
संतोष तुम्ही, आक्रोश तुम्ही हो
माँ तुम्ही, बहन तुम्ही हो
पत्नी तुम्ही, बेटी तुम्ही हो
सागर तुम्ही, गागर तुम्ही हो
विकास तुम्ही, विश्वास तुम्ही हो
उत्थान तुम्ही, सम्मान तुम्ही हो
धरती तुम्ही, आकाश तुम्ही हो
गुरु तुम्ही, ईश तुम्ही हो
तुम हो तो यह संसार है
वजूद सृष्टि का आधार है
तुम नहीं तो कुछ भी नहीं
तुम्हारे बिना तो नर भी नहीं
तुम्हारी शक्ति को सब ने है माना
तुमने ही अपनी शक्ति न जाना
तुम उठो तो दुर्गा बन जाओ
तुम चाहो तो भूचाल लाओ
तुम जहाँ हो उत्थान वहीँ है
तुम नहीं, शमशान वंही है
जंहाँ नारी नहीं, शमशान वंही है
जंहाँ नारी नहीं, शमशान वंही है