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Neeraj Agarwal

Abstract

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Neeraj Agarwal

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नादान

नादान

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सच तो जीवन के साथ हम नादान होते हैं।

इश्क़ मोहब्बत की चाहत में सच जहां होते हैं।


आज आधुनिक समय में भी नादान रहते हैं ।

दिल और हमारी सोच के साथ सपने होते हैं।


हम सभी अपने अपने स्वार्थ से नादान बनते हैं।

हकीकत के साथ हम सभी अपना मन होता हैं।


जिंदगी रंगमंच पर हम सभी नादान रहते हैं।

तेरे मेरे सपनों में एक-दूसरे की जरूरत हैं।


नादान सी चाहत हम सभी अपनी रखतें हैं।

तेरे मेरे सपने आँखों में बसे सदा रहते हैं।


हां हमसफ़र हमारे सपने नादान होते हैं।

बस मुस्कुराती नाचती गाती जिंदगी होती हैं।


नादान की नादानियां अच्छी राह आसान होती हैं।

हम सभी की सोच समझ चाहत धड़कन कहती हैं।



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