M. anita sharma
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ज़िन्दगी की दौड़ में
इतने मसरूफ हो गए,
क्या ख़्वाहिश थी हमारी
याद भी नहीं।
चला चल राही अ...
मसरूफियत
निश्चय
वक़्त
सोच बदले
परिवर्तन
सही राह