M. anita sharma
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अनजाने हैं रास्ते,
अनजाना है सफर।
हौसले हो बुलन्द,
तो किस बात का डर?
चल राही! अपने पथ पर,
चाहे कोई भी न हो हमसफ़र।
चला चल राही अ...
मसरूफियत
निश्चय
वक़्त
सोच बदले
परिवर्तन
सही राह