मनमोहना
मनमोहना
जीवन चलने का नाम उद्देश्य आदर्श प्रेम पथ मनमोहना आश।।
प्रेम भावनाओं का सागर सच्चाई गहराई स्पर्श हृदय हर्ष मनमोहना आभास।।
धारा प्रसपुटित सपंदन की प्रेम आत्म पुकार की आराधना मनमोहना का
विश्वास।।
स्वर व्यजना अभिव्यजना आवश्यक नही हृदय स्पर्श के स्वर मनमोहना
शीर्ष शिखर।।
भाषा व्यक्त अव्यक्त नही मर्यादा मर्म
स्पर्श मनमोहना का सम्मोहन अविरल।।
अन्तर्मन की गहराई भाँवो का तरंग प्रेम परोपकार संग मनमोहना का
बंधन आलिंगन।।
परिणय बंधन से मुक्त समर्पण की
सच्चाई स्वतंत्र मीरा की सोच समझ
मनमोहन।।
उद्वेलित मन की पुकार
सुन लो हे करुणा के सागर
मेरी पुकार अंखियां दरस को
प्यासी मनमोहना राधे कृष्णा
आवो मेरे संसार।।
जगत उद्धारक पालक
दुख उदासी के संघारक
राधा के माधव माँ यशोदा के
लाल हृदय हर्ष संवाहक।।
लोक शोक के भंजक गिरधारी
केशव मधुसूदन तेरी एक झलक
जन्म जीवन में मिथ्या तमस अंत
मनमोहना का आकर्षण।।
लीलाधर गोपियों के प्रेम जगत का
सार दुखियों के तारणहार आस्था विश्वास मुरलीधर अधरा धैर्य धर्म
धारक स्वरा मनमोहना।।
काल कला वाहक संवाहक
सम्मोहन के मोहन नर नरेंद्र
युग उत्साह उल्लास के नायक
मनमोहना माधवम।।
