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Gaurav kumar

Others

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मेरी माँ पर कविता

मेरी माँ पर कविता

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मेरे सर पर भी माँ की दुआओं का साया होगा

इसलिए समुन्दर ने मुझे डूबने से बचाया होगा

माँ की आगोश में लौट आया है वो बेटा फिर से

शायद इस दुनिया ने उसे बहुत सताया होगा


अब उसकी मोहब्बत की कोई क्या मिसाल दे,

पेट अपना काट जब बच्चों को खिलाया होगा

की थी सकावत उमर भर जिसने उन के लिए

क्या हाल हुआ जब हाथ में कजा आया होगा


कैसे जन्नत मिलेगी उस औलाद को जिस ने

उस माँ से पहले बीवी का फ़र्ज़ निभाया होगा

और माँ के सजदे को कोई शिर्क ना कह दे

इसलिए उन पैरों में एक स्वर्ग बनाया होगा...



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