मेरे शिक्षक मेरे गुरु
मेरे शिक्षक मेरे गुरु
मेरे स्कूल का पहला दिन
मेरी मां ही मेरी गुरु बनी
मुझे सजा के स्कूल भेजा
दूसरे गुरु मेरे पापा
जिसकी उंगली पकड़ कर में स्कूल चलीll
नया रास्ता नई मंजिल
कुछ पाने जीने हेतु मैं स्कूल चलीll
जीवन को रास्ता दिखाने
गुरु ने स्मित देकर मेरा स्वागत किया ll
स्कूल का पहला दिन मेरे तीन गुरुओं से शुरुआत हुई
माता-पिता और मेरा शिक्षक
हर रोज जीवन कुछ नया पाठ सिखाते गुरुll
पुस्तकों के साथ दुनिया भी दिखाई और सिखाई गुरुने ll
पढ़ाई का महत्व पार्ई
पढाई से नाता जोड़ा l
मन लगाकर पढ़ा लिखा
शिक्षा से जिंदगी बनाई ll
याद आ रहा वह स्कूल का पहला दिन,
आज चले मेरी उंगली पकड़ कर स्कूल आने को विद्यार्थी,
तब याद आ रहा मेरा वह पहला स्कूल का दिनl