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Rampratap Bishnoi 29

Children Stories

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Rampratap Bishnoi 29

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मधुमक्खी

मधुमक्खी

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दूर देश से आई मक्खी,

लगती जैसे है मधुमक्खी।


भोलू भाई तुम मत जाना,

गोलू भाई भी मत जाना।

बहुत जोर से वो काटेगी,

झूम-झूम कर वो नाचेगी।

पंख उसके चले हैं चक्की।


दूर देश से आई मक्खी,

लगती जैसे है मधुमक्खी।


मादा मक्खी शहद बनाती,

इस पर कभी नही इतराती।

आँखें जबकि पाँच हैं होती,

फिर भी कभी नही है सोती।

पहरा देने में है पक्की।



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