DARSHITA SHAH
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आज मौसम एक बड़ा सैलाब लेके आया है।
हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा देखो छाया है॥
जीस्त पे भारी पड़ा है एक ही पल का ये कहर।
साथ अपने आंधी में दुनिया बहा के लाया है॥
पल दो पल में ओझल हुई शहरों की रौनक कहां।
सोचते हैं हम क्या खोया है हमने, क्या पाया है॥
रात
नशा
पत्थरो
मौसम
शिक्षा
माँ