मां
मां
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माँ और माँ का प्यार निराला
उसने ही है मुझे सम्भाला
मेरी मम्मी बड़ी प्यारी मेरी मम्मी बड़ी निराली
क्या मैं उनकी बात बताऊ सोंचू !
उन्हें कैसे मैं जान पाऊं।
सुबह सवेरे मुझे उठाती
कृष्णा कह कर मुझे जगाती
जल्दी से तैयार मैं होता
उसके कारण स्कूल जा पाता
स्कूल से आते ही खुश होता
जब मम्मी का चहेरा दिखता
पोष्टिक भोजन मुझे खिलती
गृह कार्य भी पूरा करवाती।
माँ और माँ का प्यार निराला
पर मैं करता गड़बड़ घोटाला
जब मैं करता कोई गलती
समझाने की कोशिश करती
लुटाती मुझ पर अधिक प्यार
करती मुझ से अधिक दुलार।
मुझ पर गुस्सा जब है आता
दो मिनट में उड़ भी जाता
मेरी मम्मी मेरी जान
रखती मेरा पूरा ध्यान
माँ और माँ का प्यार निराला
उसने ही है मुझे सम्भाला।
