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smrutirekha das

Children Stories

4  

smrutirekha das

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जल

जल

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जल में है अमृत ही अमृत, जल बिन जीवन नहीं है संभव ।

रखाना-पीना, फसले स्वच्छता बिजली आदि सब है देता।

पानी बिन जीवन सूना है करें न इसको जाया हम

जल को संचय करके हमको बूँद बचाना है।

ताल-तलैया झील और नदियाँ वर्षा से सब भर जाती हैं।

हमको भी वर्षा जल संचय कर फिर उपयोग में लाना है।

ध्यान रखें कहीं किसी जगह पर जल नहीं व्यर्थ बहाना हैं

कम से कम जल में नहाना-धोना साफ़ करना और पकाना है।

एक एक बूँद से भरती है गागर इस सोच को समझना- समझाना

गाँव गाँव में, शहर शहर में यह संदेश पहुंचाना है।

बिन पानी न फसलें होंगी वृक्ष नहीं टिक पाएंगे।

भूख-प्यास से होगा व्याकुल जीना जीवन नहीं टिक पाएगा।

इस संदेश को कभी न भूलो जल ही जीवन दान है। 


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