माँ
माँ
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वो चोट मेरी, अॉंसू तेरे
वो ख़्वाब मेरे, त्याग तेरे
वो ड़र मेरा, हौसला तेरा
वो गुस्सा मेरा, प्यार तेरा
वो गभराना मेरा, सहलाना तेरा
हर मोड़ पे साया तेरा आसरा तेरा
मेरा जूनून है तू, मेरा गुरुर है तू
मेरा मान भी तू, मेरा अभिमान भी तू
मेरा स्वाभिमान भी तू
मेरा मंदिर भी तू है मेरा मसीहा भी तू है
मेरी जन्नत भी तू है
वो खुशियॉं तेरी ही आशियाना मेरा
मेरी दुनिया तेरे कदमों से शुरू होती है
और तेरे आंचल में आके सिमटती है
माँ, तेरी शरण में आके
मुझे ये दुनिया भी बड़ी हसीन सी लगती है।
