नदियों का अपना कोई वज़ूद नहीं होता वो या तो प्यास बुझाती हैं या पाप धोती हैं...... नदियों का अपना कोई वज़ूद नहीं होता वो या तो प्यास बुझाती हैं या पाप धोती हैं.......
मैंने देह की माटी पर प्रेम के बीज बोऐ हैं तुम अपनी प्रकाश किरणों से उसे संश्लेषित कर जाओ.... मैंने देह की माटी पर प्रेम के बीज बोऐ हैं तुम अपनी प्रकाश किरणों से उसे संश्लेषि...
सारा खेल प्रेम के उस चरम बिन्दु को पाने का ही तो है जिसके लिए रचे गऐ न जाने कितने सूत्र लेकिन किसी स... सारा खेल प्रेम के उस चरम बिन्दु को पाने का ही तो है जिसके लिए रचे गऐ न जाने कितन...
ए ज़िंदगी गले लगा ले हमने भी तेरे हर एक गम को गले से लगाया है ...है ना!!!!! ए ज़िंदगी गले लगा ले हमने भी तेरे हर एक गम को गले से लगाया है ...है ना!!!!!
बातें भी ऐसी ही होती हैंसंबोधन रहित,उसे पकड़ कर पिंजरे में नहीं डालना होता है,उसे मुट्ठी में भींच कर ... बातें भी ऐसी ही होती हैंसंबोधन रहित,उसे पकड़ कर पिंजरे में नहीं डालना होता है,उसे...
आँधियों के थमने पर चिड़िया फिर निकल पड़ती हैहवाओं को चीरती किसी चिड़े की तलाश में...बाढ़ में बिखर जाने क... आँधियों के थमने पर चिड़िया फिर निकल पड़ती हैहवाओं को चीरती किसी चिड़े की तलाश में.....