खेल
खेल
वो पुराने दिन जब ठंड के मौसम में
धूप में बैठ कर मूंगफली खाते और
अचानक से बंदर आ जाता छत पे
तो डर के भाग जाते थे सब मूंगफली वहीं छोड़ कर
नहीं तो बंदर पीछे पड़ जाता
और धूप में लेटे - लेटे आसमान में धुएं की लकीर बनाते हवाई जहाज देखते।
सब लोग मिल कर छत में धूप में बैठ कर खाना खाते पिकनिक जैसे
लेटे - लेटे नींद आ जाती जब मम्मी आवाज लगाती या बंदर आता तभी अंदर जाते
वो ठंड के पुराने दिन बहुत याद आते।
वो पुराने दिन जब गर्मी के मौसम में
सबके सोने के बाद छुप कर रसना बनाते
कूलर की सलाखे पे चादर के दोनों छोर बांध कर
टेंट हाउस बनाते और उसके अंदर सोते
चोरी चुपके बगीचे से बिही और इमली तोड़ते
बिजली चले जाने पर चादर को ठंडे पानी से गीला करके उसे ओढ़ कर सोते
रात में छत में सोया करते और पेड़ों की आकृति देख कर
डरते और डरते डरते सो जाते,
सुबह धूप निकलते ही भाग के अंदर आकर फिर सो जाते
खेल विचित्र खेलते
पहाड़ पत्थर, किल-किल कांटा, कन्ना कोड़ी
छुपन छुपाई खेलते और सबकी डांट खाते
वो गर्मी के पुराने दिन बहुत याद आते है।
