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Navneet Goswamy

Children Stories

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Navneet Goswamy

Children Stories

जलपरी

जलपरी

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आधी हम जैसी दिखती हो, 

आधी जलचर की भांति,

किस श्रेणी में आती हो तुम, 

दूर करो मेरी ये भ्रांति।।


ये जो सुनहरे बाल तुम्हारे, 

क्या सोने से रंगवाए हैं ?

और रंग बिरंगी पोशाके,

किस दर्जी से सिलवाए है ?


नानी के किस्सों से निकल कर,

हमसे सच में मिलो कभी,

हमको भी अपना घर दिखलाओ,

खेलेंगे हम सभी वहीं ।।


अच्छा जरा हमें बतलाओ

कौन तुम्हे ज्यादा भाए ?

सुना है झट से गायब हो जाती ,

जैसे ही आदम दिख जाए ।।


जल के जीवों के संग ये परी 

कितना खुश होकर रहती है

कितना उसका लाड लडाते 

शायद उनकी दोस्ती 

हमसे ज्यादा सच्ची है।।


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