जहाँ सोच ,वहाँ शौचालय
जहाँ सोच ,वहाँ शौचालय
1 min
346
मेंढक ने कहा ,
ओ मछली रानी
कहते लोग तुम्हें ,
बड़ी सयानी।
पर तुम्हारी हरक़त ,
बड़ी बचकानी
जहाँ पर रहती हो ,
वहीं शौच करती हो।
तालाब का पानी ,
करती हो गंदा
रोज़ का तुम्हारा ,
यही है धंधा।
फैल रही इससे,
कई बीमारियाँ
खत्म हो जाएगी ,
हमारी ये दुनिया।
मछली राजा को ,
यह बात समझाओ
अपने घर पर ही ,
शौचालय बनवाओ।
