जादूगर..
जादूगर..

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जब तुम्हें तुम्हारी कमी महसूस हो,
जब आंखों में नमी महसूस हो।
जब वक़्त ना तुम पर तरस खाए,
जब ज़ज़्बातों की घटा बरस जाए।
जब हर घड़ी काटना मुश्किल लगे,
जब किसी से दर्द बांटना मुश्किल लगे।
जब तन्हाई का साया घेर ले,
जब हर कोई तुमसे मुँह फेर ले।
चले आना..
माँ बताती हैं मैं बचपन में जादूगर था
टूटे खिलौने जादू से जोड़ दिया करता था..