STORYMIRROR

Amrita Singh

Others

2  

Amrita Singh

Others

इश्क़

इश्क़

1 min
142

कागज़ के पन्नों पर,

जो सुर्ख़ स्याह

बनकर उतरे, 

वो इश्क़ है !


दुआ बनकर सुर्ख़

लबों पर,

जो निखरने लगे, 

वो इश्क़ है !


सुर्ख़ आँखों से, 

जो नदिया की धार

बनकर निकले, 

वही तो इश्क़ है !!



Rate this content
Log in