इल्जाम
इल्जाम
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इल्जाम अगर देना हो तो मुझे ही दे देना
मुझे आसानी से हार मानने की आदत है
क्योंकि जहाँ अपनों की बात होती है तो सजा
औरौं के लिए नहीं
खुद के लिए ही मुर्करर होती है
धनुष अर्जुन ने उठाया तो
पितामह ने अश्त्र ही रख दिए क्यों
अर्जुन की जीत के लिए
हर बार पितामह की ही हार होती है ।