STORYMIRROR

Bharti gupta

Others

5.0  

Bharti gupta

Others

इल्जाम

इल्जाम

1 min
513


इल्जाम अगर देना हो तो मुझे ही दे देना

मुझे आसानी से हार मानने की आदत है

क्योंकि जहाँ अपनों की बात होती है तो सजा

औरौं के लिए नहीं

खुद के लिए ही मुर्करर होती है

धनुष अर्जुन ने उठाया तो

पितामह ने अश्त्र ही रख दिए क्यों

अर्जुन की जीत के लिए

हर बार पितामह की ही हार होती है ।



এই বিষয়বস্তু রেট
প্রবেশ করুন