तुम
तुम
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दिल से जो बात समझनी थी,
लफ़्ज़ों से भी ना समझे तुम।
एहसास जो महसूस करनी थी,
अश्कों को देख भी ना समझे तुम।
जिस साथ के लिए मैं तरसती थी,
वो ना दे सके तुम।
कहने को तो पास थे,
पर साथ ना थे हम।
हर किसी की तकलीफ़ महसूस होती है तुमको,
पर बात जब मेरी आयी तो ना समझे तुम।