हे माँ शारदे
हे माँ शारदे
हे माँ, ओ माँ, हे मॉं तू शारदे।
जीवन का मिटा तू अंधेरा।
दे दे हमको नया तू सवेरा।।
तुमसे करते हैं विनती यह हम।
कर दे हम पर तू यह उपकार।।
हे मॉं, ओ माँ, हे मॉं शारदे ----------।।
सुषिर स्वर मुखरित वीणा से, सुमधुर हो जीवन संगीत।
शोभित निर्मल नीरज की सुरभि से, जीवन हो महकित।।
तेरी पूजा करें हम रोज, दे दे जीने का हमको आधार।
हे माँ, ओ माँ, हे मॉं शारदे--------।।
दृग रश्मि आलोक से हो, जीवन में सुप्रभात।
नव आशा से सुपथ पर, यह जीवन हो सुफलित।।
करें अर्पण सुमन तुझ पर , दे दे हमको तू ऐसा संसार।
हे माँ, ओ माँ, हे माँ शारदे---------।।
प्राचीन स्वर्ण सुसज्जित वसुंधरा, नव भारत में मण्डित हो।
सुसभ्य सुभाषित नव कृति से, सुसंस्कृत जीवन निर्मित हो।।
तुझसे करें यही मनुहार, दे दे हमको तू ऐसे अधिकार।
हे माँ, ओ माँ, हे माँ शारदे---------।।
