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Niti Sharma

Others

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Niti Sharma

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दोस्ती

दोस्ती

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काश फिर मिलने की वजह मिल जाए

साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए


चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें

क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल

मिल जाए


मौसम को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं

जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते है


क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त

क्यूँ ग़म को बाँट लेते हैं दोस्त


न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है

फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त


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