दोस्ती
दोस्ती
करोड़ों की इस भीड़ में,
खोजे क्यों दामन प्यार का,
नकाब, बेनकाब, सारे,
बस एक चेहरा यार का।
हर रंग से रंगीन,
रंग दोस्ती का।
हर संग से बेहतरीन,
संग दोस्ती का।
जात पात न जाने दोस्ती,
ऊँच नीच न माने दोस्ती।
सुख दु:ख में हम साथ ही रहते,
मन की बाते सदा उसे बताते।
दोस्ती का हम पाठ है पढ़ते,
कभी लड़ते कभी झगड़ते।
प्यार हम बराबर करते,
दूर जाने से हम डरते।
एक दोस्त ही तो है जो हमेशा साथ देता है,
हर संकट और दुविधा में हमेशा साथ रहता है।
जब अपने भी दूर हो जाए,
तब केवल दोस्त ही साथ निभाए।
रोते-रोते जो हँसा दे,
उसका नाम ही दोस्ती है।
तनाव में जो गम भुला दे,
उसका नाम ही दोस्ती है।
दोस्ती ना देखें अमीरी-गरीबी,
सभी यार होते है करीबी।
दोस्ती में क्या हिंदू ,मुसलमान,
सभी को देते है बराबर सम्मान।
मायूसी भरी हर शाम,
दोस्ती के साथ ढल जाती है।
मुसीबत चाहे कितनी भी बड़ी हो,
दोस्तों के साथ टल ही जाती है।
दोस्ती है तो जिंदगी कितनी आसान है,
जो इतनी परेशानियों के बीच सुकून का नाम है।
जो एक दूसरे को समझने की ख़ामोशी है,
दिखावट का मेला नहीं।
दोस्ती है तो फिर कोई अकेला नहीं।
दूर होकर भी,
दिल में समाए रहते है।
बहुत खास है वो क्या बताए,
दोस्त उन्हें हम कहते है।
जीवन में केवल वह सच्चा यार है,
जो हर मुसीबत में साथ देने को तैयार है।।
