दोष मै किसकों दूँ
दोष मै किसकों दूँ
हार गया जो मैदान तो
हार का दोष मैं किसकों दूँ
कर्म भी मेरा धर्म भी मेरा
दोष कमियों का किसकों दूँ..
मेहनत करना काम मेरा तो
ना करने का दोष किसको दूँ
मौज मस्ती में समय गंवाया
असफलता का दोष किसकों दूँ..
हार से खुलता जीत का रास्ता
जीत श्रेय मै किसकों दूँ
करने से पहले हार मान जाऊँ तो
दोष हार का किसकों दूँ..
निर्वाह किया ना सुखी जीवन का
नाकामयाबी का दोष किसकों दूँ
रोका था ना जब किसी ने
इस बात का दोष मै किसकों दूँ..
कितनी सुंदर जिन्दगी है ये
ना जीने का दोष किसकों दूँ
हर पल हर क्षण खुशी दे जाती
ना लाभ उठाने का दोष किसकों दूँ..