✍️दोहा✍️
✍️दोहा✍️
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देते हैं जो विश्वास खुद ही तोड़ देते हैं,
राहों में साथ चलकर साथ छोड़ देते हैं,
ऐ ! दोस्त मैंने इस दुनियां में क्या नहीं देखा है,
लोग रोशनी दिखा कर आँखें ही फोड़ देते है !!
मुश्किलें दिलों के इरादों को आजमाती है,
सपनों में छाए हुए निग़ाहों से टकराती है,
हौसला मत हार गिरकर ऐ मुसाफिर,
ठोकरे इंसान को जीना सीखती है !
आज करें सो कल कर
कल करें सो परसों कर,
इतनी भी जल्दी क्या है ?
अभी समय पड़ा है बरसो !
जो तोकों कांटा बुवे ताहि बोवत भाला,
वो भी साला याद करेगा पड़ा किसी से भाला !!