दिसंबर
दिसंबर
1 min
396
जा रहे हो दिसंबर, जाओ
पर सुनो जरा,एक पैगाम लेते जाना,
यदि मिले कहीं आनेवाला साल तो
कहना उसे कि आते हुए अपने साथ
खुशियों वाली थैलियां ज्यादा भरकर लाए,
ताकि ना छलके किसी आंख से आंसु और ना
कोई दिल पीड़ा मे छटपटाए,
बंजर धरती ना हों कहीं बस हरियाली ही छाए,
सुनो,बादलों से कहना पानी थोड़ा कम भरकर लाए,
होगी जोर की बारिश तो नदियां सैलाब लाएगी,
न जाने कितने ही आशियाने अपने साथ ले जाएगी,
सुनो,नए बरस मे जब तुम आओ तो थोड़ा कम सर्द रहना,
ताकि आसमान की चादर ओढे दीन दुखी भी सो सके चैन
की नींद,
खट्टी मीठी यादों के साथ,कुछ एहसासों के साथ,
कुछ किस्सों कहानियों के साथ फिर मिलेंगे हम
अगले बरस दिसंबर में, तुम फिर आना.
अलविदा ….