“ धर्म अधर्म के बीच धर्म का मार्ग दिखाया राम ने”
“ धर्म अधर्म के बीच धर्म का मार्ग दिखाया राम ने”
धर्म अधर्म के बीच धर्म का मार्ग दिखाया राम ने
पुत्रधर्म और राजधर्म का मान बताया राम ने
ऊँच नीच का भेद भुलाकर तुम सबका सम्मान करो
शबरी निषाद के प्रति समता का भाव सिखाया राम ने
फिर भी जिनको संदेह है वो जाऐं जाकर देख लें
लंका जाने को राम सेतु सा मार्ग बनाया राम ने
वे मर्यादा पुरषोत्तम हैं हैं राम सिर्फ़ भगवान नहीं
उनका जीवन एक शैली है है उनसे कोई महान नहीं
क्रोध लोभ मद मोह छोड़कर कैसे जीवन जीना है
शास्त्रों में जो था लिखा हुआ वो ख़ुद अपनाया राम ने