मेरी जिंदगी के वो कुछ खास हिस्से थे! मेरी जिंदगी के वो कुछ खास हिस्से थे!
आया हो जिंदगी में कोई भी पहर सुख दुख का अंतर रहा बेअसर। आया हो जिंदगी में कोई भी पहर सुख दुख का अंतर रहा बेअसर।
मैं करती हूँ श्रृंगार अक्षर दर अक्षर उन स्वर्ण आभूषणों का. मैं करती हूँ श्रृंगार अक्षर दर अक्षर उन स्वर्ण आभूषणों का.