काम सबका एक, पैरों की हिफ़ाज़त करना, तो फिर ये इतना अलगपन, आखिर क्यूँ ? काम सबका एक, पैरों की हिफ़ाज़त करना, तो फिर ये इतना अलगपन, आखिर क्यूँ ?
दोनों के दिल, रक्षासूत्र और ताबीज़ सब राज़ी थे, पर उन्हें देने वाले द्वेष और द्रोह के पुजारी थे ! दोनों के दिल, रक्षासूत्र और ताबीज़ सब राज़ी थे, पर उन्हें देने वाले द्वेष और द...