Ila Varma
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बारिश की कुछ बूँदेंमिटा गई तपिश धरती कीमिट्टी की भीनी ख़ुश्बू सेसराबोर हुआ धरती का रग-रग ।।
कोई लौटा दे म...
कभी तो वो तरस...
नादान ये मन
दिल ने कुछ कह...
मन की आवाज
बूँदें