अपनों से अपनों के बिछड़ने की, वो बात पुरानी लिखता हूँ, जो बीत गयी सो बात गयी, क्या ख़ाक कहानी लिखता ह... अपनों से अपनों के बिछड़ने की, वो बात पुरानी लिखता हूँ, जो बीत गयी सो बात गयी, क्...
मैं बैठी हूं सरहद के इस ओर तुम्हारी यादों के कुछ सूखे पत्ते बटोर! मैं बैठी हूं सरहद के इस ओर तुम्हारी यादों के कुछ सूखे पत्ते बटोर!