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Bhupendar Gurjar

Others Children

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भारत भूमि

भारत भूमि

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भारत भूमि थी पुण्य धरा,

          यह प्रदेश स्वर्ग से था उतरा।

हिमालय प्रहरी था इसका,

            चरणों में सागर था पसरा।


पश्चिम में हिंदुकुश पर्वत, 

          बहती सिंधु कल– कल जहां

पुष्कर था तीर्थों का मामा, 

            पीतांबर ओढ़े थी मरुधरा।

.......................चरणों में सागर था पसरा।


पूर्व में कामाख्या शक्तिपीठ, 

        निज निवास यहां पर मां का था।

रमणीक नगा पर्वतमालाएं,

         छूता रवि जहां सर्वप्रथम धरा।

.......................चरणों में सागर था पसरा।


उज्जैन एक था द्वादश नगरी में,

          वहां ज्योतिर्लिंग स्थापित था।

क्षिप्रा का पावन तट था वहां, 

        जहां शौर्य विक्रम का फैला था।

.......................चरणों में सागर था पसरा।


दक्षिण की गाथा मैं कैसे कहूं,

           वहां रामेश्वरम स्थापित था। 

सागर का तोड़ अखंड गरुर 

            मिल गई धरा से वहां धरा।

.......................चरणों में सागर था पसरा।

  

  



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