भाई -बहन की यादें
भाई -बहन की यादें
मैं और मेरा भाई, एक आग है तो दुसरा पानी।
आया खुशियों का तूफान बनकर मेरी जिन्दगी में,
जब में थी 3 साल की; वही था मेरा छोटा-सा भाई,
तोड़े थे कही खिलौने साथ खेल खेल कर।
लड़ते-झगड़ते एक दूसरे के साथ हर वक्त,
मार भी बहुत खाई एक दूसरे के हिस्से की,
फिर भी रहते हर पल एक दूसरे की परछाई बन
बचपन की तो बात ही कुछ और थी
मैं और मेरा भाई एक शहद है तो दुसरा इमली।
वो दिन आज भी याद है मुझे
ना हमारे पास t.v.थी,ना फ्रिज
नाही बड़ा सा बँगला था फिर भी खुशियाँ हजारों थी
ऐसे में मैं और मेरा भाई जाके छुपके से पड़ोस के घर में
चंद्रगुप्तमौर्य की कहानी देखने जाते हर रोज,
हमारे घर का समय था 10 बजे का और हम आते 10:30को,
हर रोज की हरकत से तंग आके एक दिन मम्मी ने किया बंध दरवाज़ा,
रखा 2 घंटे खड़ा बहार अंधरे में, रोए- चिल्लाए बहुत,
फिर खुशी भी थी की दोनों साथ में है साथ ही पड़ेगी डांट भी,
एक वो दिन था और आज का दिन है 10 बजे हम घर पे होते है।
ऐसे कही अतरंगी थे किस्से हमारे बचपन के,
मैं और मेरा भाई एक है एंग्री बर्ड तो दुसरा मिक्की माऊस।
बचपन के दिन भी क्या दिन थे ना थी चाहत fancy खिलौने और mobile की
चाहत थी तो बस मिट्टी के खिलौने और गली मोहल्ले के खेल कूद की,
हमारी यादों को ना जरूरत थीं camera की, मन की अच्छाई ही काफी थी।
आज भी मन के अंदर की वो यादें चेहरे पे मुस्कुराहट लाती है,
ऐसी थी मेरी और मेरे भाई की अतरंगी यारी।
मैं और मेरा भाई एक धूप है तो दूसरा छाव।
दोनों एक दूसरे के बिना है अधूरे ऐसा है हमारा खून का रिश्ता।
