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Rajat Mishra

Others

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Rajat Mishra

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बदला या माफ़ी

बदला या माफ़ी

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मेरे जिगर का टुकड़ा लेटा,

अपने ही हाथों से खाक करूँ।

बता मेरे धर्मांध शिकारी,

कत्ल करूँ की माफ़ करूँ।


जीवन की इकलौती पूंजी,

निज हाथों बर्बाद करूँ।

बता मेरे धर्मांध शिकारी,

कत्ल करूँ की माफ़ करूँ।


धर्म तेरा पछताव कहे है,

मेरा भी माफी का आशिक़।

नफ़रत को विष घोल उबालूँ

या दिल अपना साफ करूँ।

बता मेरे धर्मांध शिकारी,

कत्ल करूँ की माफ़ करूँ।


भूल गये उसे उसके बंदे,

राह छोड़ किस ओर चले,

मेरी नहीं तो उसकी सुन ले

किस ईश्वर को आगाह करूँ।

बता मेरे धर्मांध शिकारी,

कत्ल करूँ की माफ़ करूँ।


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