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Nimisha Singhal

Children Stories Inspirational

4  

Nimisha Singhal

Children Stories Inspirational

बढ़े चलो

बढ़े चलो

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लक्ष्य पर होआँख ,

ख़ुद पर हो विश्वास।


बाधाओं से न डर हो,

बाज से निडर हो।


अर्जुन से हो शिकारी 

मंजिल की बेकरारी ।


सर पर ज़ुनून सवार हो,

लहू में उबाल हो।


खुद से खुद की लड़ाई हो,

अनुशासन की कड़ाई हो।


मुख मोड़ कर न भागो तुम,

संग्राम है ये जीवन,

नींद को त्यागो तुम।


जिंदगी चाहे..

कितने भी इम्तिहान लेती हो,

याद रखना.. चीते सी तेजी हो।


गुजरना है कई 

अग्नि परीक्षाओं से 

तुम्हें..बार -बार,

डर कर न.. यूँही

 मान लेना तुम हार।


मोम सा खुद को पिघला दो तुम,

 तपोभूमि है ये जीवन..

 खुद को तपा दो तुम।


गौण है मंजिलें, चट्टानी इरादों के आगे,

मेहनत से ये जता दो तुम।


जीवन में पाओगे सब कुछ,

तुमने जो भी सोचा होगा।


बढ़े चलो आगे -आगे प्यारे बच्चों,

आने वाला कल तुम्हारा ही होगा।



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