बचपन की शिक्षा
बचपन की शिक्षा
घबराना नहीं झुक जाना नहीं , हार कर बैठ जाना नहीं
आगे कदम बढ़ाते जाना , पीछे कभी हटाना नहीं ।
काम करो सब हंसते-गाते , सारी मु्श्किलें आसान हो जाते
अच्छे बच्चे सदा सच कहते , झूठ को कभी ना वो अपनाते ।
सदा सपने देखो सुहाने तुम , मेहनत के बनों दीवाने तुम
खेल-कूद खूब करो , मगर पढ़ाई से भागने के ना करो बहाने तुम ।
नहीं आए प्रथम तो क्या, द्वितिया , तृतीय भी कोई कम नहीं
ग़र नहीं होते उत्तीर्ण तुम , तो भी मानों ग़म नहीं ।
सजल बनो, सजग बनों , नभ में कीर्ती अपनी फहराओ तुम
इतने ऊंचे उठ जाओ पेड़ों के जैसा हवा में लहराओ तुम ।
मीठा बोलो कोयल सा , धरती सा तुम जिगर रखो ना मिले
कभी कामयाबी तो फिर से संघर्ष करो और थोड़ा सब्र रखो ।