बात पते की
बात पते की
चुन चुन करती आयी चिड़िया
काम की बात बतायी चिड़िया
बात पते की आज सुनाऊँ
चुन्नू ,मुन्नू सुन लो गुड़िया
रोज सवेरे उठ जाती हूँ
देर रात तक कभी न जगती
काम सभी मैं अपने करती
नहीं कभी भी मैं हूँ थकती
तुम भी बच्चों जल्दी सोना
बुरी आदतों में न खोना
सुबह सवेरे जल्दी उठना
दाँत माँज कर मुँह को धोना
सही समय स्कूल में जाकर
ध्यान लगाकर खूब तुम पढ़ना
खेल कूद भी बहुत जरुरी
इसमें भी तुम आगे रहना
किस्से , कविता और कहानी
बड़े ध्यान से इनको पढ़ना
सबक बहुत होते हैं इनमें
ग्रहण करो , जीवन में बढ़ना
कंप्यूटर पर गेम न खेलो
जा पहुँचो मैदान के अंदर
यही तो प्यारे दिन अच्छे हैं
चपल रहो जैसे हों बन्दर
गुल्ली डंडा , खो खो खेलो
या फिर जी भर खेलो लंगड़ी
हू तू तू खेल निराला
या फिर खेलो पकड़ा पकड़ी
आपस में मिलजुल कर खेलो
बड़े प्रेम से सबसे रहना
सबक प्रेम का याद है रखना
होकर बड़ा यही तुम कहना
प्रेम प्यार के पाठ के संग तुम
भाईचारा भी पढ़ लेना
अंतर में अपने भर लेना
ऐसा ही इस देश को गढ़ना
बहुत हुए उपदेश ऐ बच्चों
अच्छा अब मैं घर जाती हूँ
मानो या फिर ना तुम मानो
बात पते की कह जाती हूँ!