बात नहीं किया करते है
बात नहीं किया करते है
बात नहीं किया करते हैं ,
लेकिन इस तरह से ही नहीं हो सकता है,
कि इस बात का कोई और उसके साथ साथ मिलकर काम कर सकते हैं ।
बातों से बातें करके सुकून मिलता कहाँ।
जहाँ बातें ही बातों को सुकूँ दिला सकें।
हो घमंड जिसे हर बातों का तो कैसे तुम उसका घमण्ड तोड़ोगे
हर बातों का तुम भी कैसे अपना जीवन मे परित्याग करोगे।
घमंड जिसे हर बातों का होता है।
वही घमंड आखिर अपना तोड़ेगा।
अपनी दिनचर्या में कैसे तुम निखार लाओगे
करते हो हर बातों पर तंग हमेशा
तुम इतना जितना कभी कोई हुआ हो परेशान।
मिलकर क्या साथ गुल खिलाओगे।
जब ना हों कोई आसान राह तुम्हारी।
जीवन जिसका कोई मतभेद नहीं है।
कैसे तुम उस जीवन को त्याग करोगे।
बदलाव लाना होगा, जीवन में तुम्हें तु
म्हारा "घमंड" छोटी-छोटी बातों पर तुम्हें जीवन मे नहीं करना चाहिए।
बदल सकता है हर दिन तुम्हारा,
जब जीवन हों तुम्हारा अपना है।
हर बातों पर "घमंड" करना क्या अच्छा होता है,
छोटी-छोटी बातों पर घमंड इतना ज्यादा करना क्यूँ होता है।
वक्त सही आने पर समय सही होने "घमंड" भी एक न एक दिन चूर हो जाता है।
जीवन जिसका कभी कोई प्रतिबिंब नहीं होता है, "घमण्ड" उसका कभी त्याग नहीं होता हैं।
बदल दो भावनाएँ अपने जीवन की तुम करो संघर्ष अपने जीवन से तुम "घमंड" का अपना करके "परित्याग" अपने जीवन को तुम अपना बनाओ।
तोड़ दो "घमंड" छोटी-छोटी बातों पर छोड़ दो तुम उन्हें जो करते है। छोटी-बडी बातों पर हमेशा "घमंड"!
किस बात का "घमंड"
आखिर किस बात का "घमंड" करते हों अपनी जिंदगी से अपना क्यूँ तुम "घमंड" करके छोटी-छोटी बातों का बतंगढ़ बनाते हों।
हर दिन नया आयाम होता है, "घमंड" भाव का करके देखना परित्याग नया जीवन मिलता है।
वो सुकूँ कहीं नहीं मिलता है, जो "घमंड" छोटी-छोटी बातों पर हमेशा सदा करता रहता है।
बदलने से भी नहीं बदल सकता वो कभी जिसे हर बातों का "घमंड" बस रहता है।
बात नहीं किया करते है, उनकी जिन्हें हर बातों का "घमंड" हो, जिन्हें अपनी जिंदगी में अपने जीवन का कभी कोई मोल भाव नहीं हों।
बदलाव घमंड का बदले ये ज़रूरी नहीं।
तोड़ दें सारा घमंड अपना वो ज़रूरी है।
भावनाओ के बहाव में ख़ुद की दिनचर्या में निखार लाओ तोड़ दो "घमंड" सारा छोटी-छोटी बातों पर तुम अपना जीवन बसाओ। करके "घमंड" का परित्याग तुम अपना भविष्य बनाओ।
