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AKIB JAVED

Children Stories

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बाल कविता : काना मच्छर

बाल कविता : काना मच्छर

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एक राज्य था बड़ा सुहाना

सबका उसमे आना-जाना

खुशहाली का वहां ठिकाना

एक मच्छर था उसमे काना।


समृद्ध शहर था बहुत खूब

कोई न कहता वहां झूठ

मच्छर को चढ़ गया जुनून

पीना शुरू कर दिया खून।


राज्य में तांडव खूब किया

जनता का उसने खून पिया

सब जन त्राहि खूब करें

मच्छर जी बस पेट भरें।


राजा ने मीटिंग बुलवायी

सभी ने अपनी व्यथा सुनायी

मच्छरदानी घर-घर बंटवाई

सुख की सबको नींद है आई।


अब कोई बीमार न होता

ठंड वाला बुखार न होता।



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